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Ladakh Trip on Scooty: जब एक लड़के ने स्कूटर से पार कर लिया लद्दाख, वीडियो हो रहा ट्रेंड

Ladakh Trip on Scooty: दिल्ली के रहने वाले विक्रम पाल के लिए लद्दाख की यात्रा किसी एडवेंचर ट्रिप से कहीं ज्यादा थी. यह सफर उनके लिए खुद को साबित करने, सीमाओं को लांघने और दुनिया को यह दिखाने का मौका था कि अगर इरादा मजबूत हो, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं. उन्होंने यह सफर किया उस गाड़ी पर जिसे ज्यादातर लोग शहरों में काम पर जाने के लिए इस्तेमाल करते हैं एक Suzuki Access स्कूटर.

जून के महीने में जब देश के अलग-अलग हिस्सों में लोग गर्मी से परेशान थे, तब विक्रम ने ठान लिया कि वे लद्दाख की ऊंचाइयों को स्कूटर से पार करेंगे. यह कोई आम फैसला नहीं था, क्योंकि लद्दाख की सड़कें सिर्फ मजबूत बाइकों और एक्सपीरियंस राइडर्स के लिए जानी जाती हैं. लेकिन विक्रम ने यह सब नजरअंदाज किया और अकेले निकल पड़े उस राह पर जो आमतौर पर इंसान को शारीरिक और मानसिक रूप से झकझोर देती है.

दिल्ली से हुई यात्रा की शुरुआत

यात्रा की शुरुआत दिल्ली से हुई. पहले दिन उन्होंने चंडीगढ़ तक का सफर किया और वहां रात बिताई. उसके बाद अगला पड़ाव मनाली था. यहां से असली चुनौती शुरू हुई. रोहतांग पास, जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से करीब 13,000 फीट है, वहां पहुंचते ही स्कूटर ने दम तोड़ दिया. लेकिन विक्रम ने हार नहीं मानी. उन्होंने खुद स्कूटर को धक्का दिया, रास्ते से आते-जाते लोगों से मदद ली, और किसी तरह पार किया वो इलाका जहां अक्सर ऑक्सीजन की कमी से लोग चक्कर खा जाते हैं.

रास्ते में तंगलंग ला जैसे कठिन और दुर्गम इलाकों को पार किया

मनाली से लेह तक के इस रास्ते में विक्रम ने सिस्सू, जसकर, सरचू, पांग और तंगलंग ला जैसे कठिन और दुर्गम इलाकों को पार किया. कहीं बर्फबारी हो रही थी, कहीं सड़कों का नामोनिशान तक नहीं था, कहीं मोबाइल नेटवर्क नहीं, तो कहीं पेट्रोल भरवाने के लिए 100 किलोमीटर दूर जाना पड़ता था. स्कूटर का माइलेज भी ऊंचाई के कारण आधा हो गया था, लेकिन विक्रम के हौसले में कोई कमी नहीं आई.

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इस सफर के दौरान उन्होंने रोज़ाना एक छोटी-सी वीडियो क्लिप बनाई, जिसमें वे अपने अनुभव, मुश्किलें और छोटे-छोटे पल कैमरे में कैद करते थे. एक वीडियो में वे पहाड़ी रास्ते पर स्कूटर का टायर बदलते नजर आ रहे हैं, तो दूसरे में वो कड़क ठंड में चाय बनाकर पी रहे हैं. इन वीडियोज को उन्होंने इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर शेयर करना शुरू किया और लोगों ने भर-भर कर प्यार दिया.

खारदुंगला पर खड़े होकर बनाई वीडियो

उनकी एक वीडियो, जिसमें वे लद्दाख के सबसे ऊंचे पास खारदुंगला पर खड़े होकर कहते हैं,

“स्कूटर से भी पहुंच सकते हैं, बस हिम्मत होनी चाहिए”, इंस्टाग्राम पर 30 लाख से ज्यादा बार देखी जा चुकी है. लाखों कमेंट्स में से एक यूजर ने लिखा, “भाई तूने तो रिकॉर्ड ही तोड़ दिया, अब Royal Enfield की monopoly खत्म.”

Suzuki India ने विक्रम से किया संपर्क

सोशल मीडिया की ताकत का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब Suzuki India ने खुद विक्रम से संपर्क किया है और उन्हें एक ऑफिशियल ट्रैवल एंबेसडर बनाने का प्रस्ताव भेजा है. पर्यटन मंत्रालय ने भी इस यात्रा की सराहना की है और कहा है कि यह भारत के युवा वर्ग के लिए एक प्रेरणा है.

विक्रम की यह कहानी इस बात का सबूत है कि रोमांच सिर्फ महंगे साधनों से नहीं आता, बल्कि साहस और जज्बे से आता है. उनके सफर ने हजारों लोगों को यह सोचने पर मजबूर किया है कि सीमाएं असल में हमारे दिमाग में होती हैं, ना कि रास्तों में.

विक्रम नौकरी पर लौटे

आज विक्रम फिर से अपनी नौकरी पर लौट चुके हैं, लेकिन अब वो केवल एक कॉल सेंटर कर्मी नहीं, बल्कि एक ‘हीरो ऑन व्हील्स’ के नाम से पहचाने जाते हैं. वो अब भी उसी स्कूटर से ऑफिस जाते हैं, लेकिन उनकी नजरें अब अगली चुनौती पर टिकी हैं. शायद अगली बार वो उसी स्कूटर से नेपाल या भूटान का सफर तय करें.

यह कहानी सिर्फ एक सफर की नहीं, बल्कि सपनों को साधनों से ऊपर रखने की है. यह कहानी बताती है कि अगर दिल में आग हो, तो स्कूटर पर बैठकर भी दुनिया जीती जा सकती है.

– गांव शहर

govind singh

गोविंद सिंह पिछले 5 सालों से पत्रकारिता क्षेत्र में कार्यरत हैं। इन्होंने ईटीवी भारत, इनशॉर्ट्स जैसे बड़े मीडिया चैनलों में काम करने का अनुभव है।

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