Rafale Operation Sindoor: पाकिस्तान एक बार फिर अपने दावों को लेकर विवादों में घिर गया है. हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य झड़पों के दौरान पाकिस्तानी वायुसेना (PAF) ने दावा किया कि उसने भारत के पांच लड़ाकू विमान गिराए हैं, जिनमें तीन Rafale भी शामिल हैं. लेकिन अब इन दावों की हवा निकल गई है. न सिर्फ भारत ने इन आरोपों को खारिज किया है, बल्कि फ्रांस की विमान निर्माता कंपनी Dassault Aviation ने भी दो टूक कह दिया है ये दावा झूठा है, बेबुनियाद है और इसकी कोई सच्चाई नहीं है.
फ्रांस ने क्या कहा?
Dassault Aviation के चेयरमैन और CEO एरिक ट्रैपियर ने साफ शब्दों में कहा कि भारत ने Rafale का सिर्फ एक विमान खोया है, वो भी किसी युद्ध में नहीं, बल्कि तकनीकी कारणों से. उनका कहना है कि यह हादसा तब हुआ जब विमान ऊंचाई पर उड़ान भर रहा था, और इसका पाकिस्तान से कोई लेना-देना नहीं था.
यह बात उन्होंने एक फ्रांसीसी रक्षा वेबसाइट से बातचीत में कही, जहां उन्होंने यह भी जोड़ा कि दुश्मन की गोली से कोई Rafale नहीं गिरा.
Dassault ने कहा- उसके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया
Dassault की ओर से बाद में एक आधिकारिक बयान भी जारी किया गया जिसमें कहा गया कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में एरिक ट्रैपियर के हवाले से जो बातें लिखी गई हैं, वो “गलत, तोड़ी-मरोड़ी गई और भ्रामक” हैं. कंपनी का कहना है कि Rafale के ऑपरेशनल प्रदर्शन या युद्ध रणनीति को लेकर ट्रैपियर ने कोई टिप्पणी नहीं की.
भारत का भी जवाब: “न तो Rafale गिरा, न ही पाकिस्तान जीत पाया”
भारत के रक्षा सचिव आर.के. सिंह ने भी पाकिस्तानी दावों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि,
“आपने ‘Rafales’ शब्द बहुवचन में इस्तेमाल किया, लेकिन मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि एक भी Rafale दुश्मन की फायरिंग से नहीं गिरा. पाकिस्तान को इस झड़प में कहीं ज़्यादा नुकसान हुआ — चाहे वो फौजी संसाधनों की बात हो, आतंकवादियों की बात हो या फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि की.”
उन्होंने कहा कि भारत ने इस कार्रवाई में 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया, और पाकिस्तान को सैन्य मोर्चे पर करारा जवाब मिला.
तो फिर Rafale गिरा कैसे?
भारत के नौसेना अधिकारी और इंडोनेशिया में भारत के डिफेंस अटैशे शिव कुमार ने इस पूरे मामले में थोड़ी रोशनी डालते हुए कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के शुरुआती चरण में भारत ने कुछ विमान जरूर गंवाए, लेकिन उसका कारण था राजनीतिक नेतृत्व की सीमाएं.
उनके मुताबिक,
“हमें साफ निर्देश थे कि हम पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों या एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना नहीं बनाएंगे. ऐसे में हमारे कुछ फाइटर जेट्स को बैकफुट पर जाना पड़ा और उनमें से कुछ को तकनीकी कारणों से खोना पड़ा.”
इस बयान से साफ है कि कोई भी विमान दुश्मन की मिसाइल से नहीं गिरा, बल्कि आंतरिक रणनीतिक कारणों और तकनीकी गड़बड़ियों की वजह से ऐसा हुआ.
क्या ये सिर्फ पाकिस्तान की चाल है या चीन की भी मिलीभगत?
फ्रांस की खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन इस पूरे ‘डिसइंफॉर्मेशन कैंपेन’ के पीछे है. रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन के विदेशों में तैनात डिफेंस अटैशे Rafale के खिलाफ जानबूझकर गलत खबरें फैला रहे हैं ताकि फ्रांस के इस फाइटर जेट की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके और ज्यादा देश चीन के बनाए J-10C जैसे फाइटर जेट्स की ओर आकर्षित हों.
फ्रांस के रक्षा मंत्रालय ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा:
“Rafale सिर्फ एक जेट नहीं है, यह हमारी रणनीतिक ताकत, तकनीकी दक्षता और भरोसेमंद साझेदारी का प्रतीक है. उस पर सवाल उठाना फ्रांस की वैश्विक प्रतिष्ठा पर सवाल उठाना है.”
दुनिया में Rafale की डिमांड
अब तक Dassault Aviation ने दुनिया भर में कुल 533 Rafale जेट्स बेचे हैं. इनमें से 323 जेट्स एक्सपोर्ट किए गए हैं — भारत, मिस्र, कतर, ग्रीस, क्रोएशिया, UAE, सर्बिया और इंडोनेशिया जैसे देशों को. Rafale की गिनती उन चुनिंदा जेट्स में होती है जो युद्ध के मैदान में तकनीक और ताकत दोनों का बेहतरीन संतुलन पेश करते हैं.
झूठ को जवाब, सच्चाई की जीत
पाकिस्तान भले ही सोशल मीडिया और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा हो, लेकिन सच ज्यादा देर तक छिपाया नहीं जा सकता. फ्रांस और भारत — दोनों ने खुलकर बताया कि Rafale किसी दुश्मन की मिसाइल का शिकार नहीं बना.
ये भी साफ हो गया है कि रणनीतिक चुप्पी के बावजूद भारत अपने सैन्य संसाधनों और रणनीति को लेकर पूरी तरह सतर्क है. साथ ही Rafale की तकनीकी मजबूती और फ्रांस की साख अब भी दुनिया भर में बरकरार है.
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