Pahalgam attack CRPF action: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने अपने एक जवान मुनीर अहमद पर सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। मुनीर पर आरोप है कि उन्होंने एक पाकिस्तानी लड़की से चुपके से शादी की और उसके वीजा खत्म होने के बाद भी उसे भारत में रखा। सुरक्षा नियमों को ध्यान में रखते हुए CRPF ने इस मामले में जीरो टॉलरेंस दिखाते हुए तुरंत एक्शन लिया।
वीडियो कॉल पर हुई थी शादी, CRPF को नहीं दी जानकारी
बर्खास्त मुनीर अहमद CRPF की 41वीं बटालियन में कार्यरत जवान थे। 24 मई 2024 को उन्होंने एक पाकिस्तानी लड़की मेनल खान से वीडियो कॉल के जरिए निकाह किया था। हालांकि, उन्होंने यह जानकारी अपने विभाग को नहीं दी। इसके अलावा, मेनल मार्च 2025 में शॉर्ट-टर्म वीजा पर भारत आई थीं, जो 22 मार्च को खत्म हो गया था। लेकिन वीजा एक्सपायर होने के बाद भी मुनीर ने उसे भारत में रखा, जो सुरक्षा नियमों का सीधा उल्लंघन था।
पाकिस्तानी महिला से शादी करने वाला जवान मुनीर अहमद को CRPF ने बर्खास्त कर दिया है,मुनीर ने शादी की डिटेल्स छिपाई थी। पत्नी को पाकिस्तान छोड़ने की बात आई तो बाघा बॉर्डर भी गया,CRPF में रहते पाकिस्तानी से प्यार,अधिकारी रखा में अंधकार में pic.twitter.com/hIZ90CDBvA
— Dharmendra Singh (@dharmendra135) May 3, 2025
Pahalgam attack के बाद पाकिस्तान के नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था, जिसके बाद केंद्र सरकार ने भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया। इसके तहत मेनल खान को भी 29 अप्रैल तक भारत छोड़ना था। हालांकि, उन्होंने वीजा एक्सटेंशन के लिए गृह मंत्रालय में आवेदन कर दिया था, जो अभी तक पेंडिंग था। जब उन्हें अटारी-वाघा बॉर्डर से पाकिस्तान भेजा जा रहा था, तभी उनके वकील ने दावा किया कि कोर्ट से उन्हें स्टे मिल गया है। इसके बाद उनकी वापसी की प्रक्रिया रोक दी गई।
CRPF की जांच में सामने आई गंभीर लापरवाही
CRPF ने आंतरिक जांच में पाया कि मुनीर अहमद ने न सिर्फ अपनी शादी की जानकारी छिपाई, बल्कि अपनी पत्नी के भारत में ओवरस्टे करने की बात भी विभाग को नहीं बताई। यह सेवा नियमों का गंभीर उल्लंघन माना गया, क्योंकि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता था। CRPF के प्रवक्ता डीआईजी एम दिनाकरन ने कहा, “मुनीर के कार्यों को सेवा आचरण का उल्लंघन और सुरक्षा के लिए खतरनाक पाया गया, इसलिए उन्हें तुरंत बर्खास्त किया गया।”
CRPF की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी
CRPF ने साफ किया है कि वह सुरक्षा नियमों के उल्लंघन को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा। खासकर जब मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हो, तो किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस मामले में मुनीर अहमद को बर्खास्त करके CRPF ने एक सख्त संदेश दिया है कि ऐसे गंभीर उल्लंघनों की कोई माफी नहीं होगी।
क्या आगे होगी कोई और कार्रवाई?
अभी यह देखना बाकी है कि क्या मेनल खान को भारत में रहने की अनुमति मिलेगी या उन्हें डिपोर्ट किया जाएगा। वहीं, मुनीर अहमद के खिलाफ और कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। CRPF और सरकार इस मामले में कोई भी ढिलाई नहीं बरतना चाहती, क्योंकि यह सीधे देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है।