Rajasthan BAP MLA Jaykrishna Patel Arrest: क्या आपने कभी ये सुना है कि एंटी करप्शन ब्यूरो ने किसी विधायक को गिरफ्तार किया हो। नहीं ना। लेकिन राजस्थान में आज ये भी हो गया। दरअसल एंटी करप्शन ब्यूरो राजस्थान ने बागीदौरा से विधायक जयकृष्ण पटेल को रिश्वत लेते रंगे हाथ धर दबोचा। विधायक जी भारत आदिवासी पार्टी यानी बाप के विधायक हैं। राजस्थान में ये पहली बार हुआ कि किसी विधायक को घूसखोरी करते गिरफ्तार किया गया हो।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार विधायक Jaykrishna Patel ने उनके द्वारा विधानसभा में खनन विभाग से संबंधित उठाये गए सवालों को वापस लेने के लिए 2.5 करोड़ रुपये की डिमांड की थी। जिसको लेकर विधायक के जयपुर में स्थित सरकारी क्वार्टर पर डील हुई। डील के बाद विधायक का गनमैन रिश्वत का 20 लाख ले रहा था। अब खबर तो आप जान लिये, लेकिन अब आईये जानते हैं कि आखिर विधायक जी पर आरोप क्या हैं?
Jaykrishna Patel पर क्या हैं आरोप?
दरअसल विधायक पटेल पर आरोप लगाया गया है कि वो कई दिनों से एक कंपनी को परेशान कर रहे थे। आरोप में ये भी बताया गया है कि विधायक जी तरह तरह के हथकंडे अपनाकर कंपनी को काम ही नहीं करने दे रहे थे। जब कंपनी के अधिकारियों ने इस संबंध में विधायक से बात करनी चाही। तो उन्होंने ये सब रोकने के लिए कंपनी से ढाई करोड़ रुपये की डिमांड की थी। जिसको लेकर कंपनी ने इसकी जानकारी एंटी करप्शन ब्यूरो को दी।
ACB के सर्विलांस पर थे विधायक Jaykrishna Patel
जिसके बाद ACB ने विधायक के कुछ मोबाइल नंबर, गनमैन के नंबर सहित कंपनी के कुछ कर्मचारियों को सर्विलांस पर ले लिया। रविवार दोपहर 1:30 बजे एसीबी की टीम विधायक के आवास पर पहुंची थी। इस दौरान शिकायतकर्ता भी साथ था। इसके बाद गनमैन ने बाहर के रूम में पैसा रिसीव किया। विधायक अंदर के रूम में था। एसीबी की टीम अंदर जाने लगी तो गनमैन को शक हो गया। वह 20 लाख रुपए लेकर मौके से भाग गया।
ACB की टीम ने विधायक से पूछताछ की। विधायक को सर्विलांस रिपोर्ट के बारे में बताया गया। एसीबी की टीम करीब 3 बजे विधायक को ऑफिस मुख्यालय लेकर आई। इसके बाद मेडिकल करवाकर गिरफ्तार किया गया।
आखिर कौन हैं Jaykrishna Patel?
जयकृष्ण पटेल 2024 में विधानसभा उपचुनाव में बागीदौरा से BAP के टिकट पर जीते थे। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी सुभाष तंबोलिया को हराया था। विधानसभा चुनाव 2023 में जयकृष्ण पटेल को कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्रजीत सिंह मालवीय से हार का सामना करना पड़ा था। लोकसभा चुनाव से पहले मालवीय बीजेपी में शामिल हो गए थे। उनके इस्तीफा देने के बाद यह सीट खाली हो गई थी। जिसके बाद उपचुनाव में पटेल को जीत मिली।