नई दिल्ली। भारत के मशहूर उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) के खिलाफ अमेरिका की फेडरल कोर्ट ने अरेस्ट वारंट इश्यू कर दिया है। साधारण भाषा में कहें तो अमेरिका की डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने Gautam Adani और उनके साथ 7 लोगों के खिलाफ इतना सबूत पाया है कि उनके खिलाफ चार्ज फ्रेम किये जा सकें।
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसी क्या बात हो गई कि जो घूस भारत में देना था। जो कॉन्ट्रैक्ट भारत में लेना था। उसका केस अमेरिका की अदालत में क्यों चल रहा है। आइये सरल भाषा में समझते हैं। दरअसल गौतम अडानी के खिलाफ सबूत मिलने पर अरेस्ट वारंट जारी करने की ताकत देता है अमेरिका का कानून। जो घूसखोरी के मामले को एक अलग नजरिये से देखता है।
गौतम अडानी पर लगे हैं ये आरोप
आरोप ये है कि Gautam Adani और उनके साथ 7 और लोग जिसमें Gautam Adani का भतीजा सागर अडानी भी शामिल है ने 265 मिलियन डॉलर लगभग 2236 करोड़ रुपये घूस के तौर पर देने की सहमति दी थी। ये पैसे 2020 से लेकर 2024 के बीच भारत सरकार के अधिकारियों को घूस देने के लिए अलग से रखे गए थे। अमेरिका की फेडरल कोर्ट ने पाया है कि Gautam Adani खुद इस घूसखोरी में शामिल थे और इन आरोपियों से मिले थे। अमेरिका के अटार्नी ऑफिस के मुताबिक इन पैसों का इस्तेमाल भारतीय अधिकारियों को घूस देकर एक कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने में किया गया। जिसमें कंपनी को अगले 20 सालों में 2 अरब डॉलर का मुनाफा होता।
मुनाफा कमाने के लिए बड़ा हेरफेर का आरोप
अमेरिका के अटार्नी का कहना है कि अडानी ग्रुप ( Adani) और ऑज्यो पावर (Azure Power) को एक कॉन्ट्रैक्ट मिला था कि 8 GW पावर और 4 GW पावर वो फिक्स रेट पर SECI (सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) को बिजली सप्लाई करेंगे। SECI प्राइवेट कंपनियों से बिजली लेकर राज्यों में बिजली बेचने वाली कंपनियों को बिजली बेचने वाली थी। लेकिन SECI को कोई बिजली का खरीदार नहीं मिला। रेट ज्यादा होने की वजह से कोई स्टेट बोर्ड SECI से बिजली खरीदने को तैयार नहीं था। अब जब कोई स्टेट SECI से बिजली नहीं खरीदेगा तो इसका सबसे ज्यादा नुकसान अडानी ग्रुप और ऑज्यो पावर को होता। क्योंकि सोलर एनर्जी के लिए अडानी ग्रुप और ऑज्यो पावर ने बड़े-बड़े सोलर प्लांट लगाए थे। तो इससे बचने के लिए अडानी ग्रुप के बड़े ओहदों के अधिकारियों ने एक बैठक कर ये निर्णय लिया कि क्यों ना वो स्टेट बिजली बोर्ड के अधिकारियों को पैसे देकर ये मनाएं कि वो बिजली SECI से ही खरीदें। जिससे उन्हें मुनाफा हो।
इस संबंध में USA अटर्नी ऑफिस ऑफ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट ऑफ न्यूयार्क ने कहा है कि गौतम अडानी खुद इन भारतीय अधिकारियों से मिलकर घूस देने की बात की थी। यहीं वो मामला है जिसकी वजह से गौतम अडानी के खिलाफ अरेस्ट वारंट इश्यू किया गया है।
क्या क्या चार्ज लगाए गए हैं।
1. conspiracy to violate the foreign corrupt practices act (विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम का उल्लंघन करने की साजिश)
ये एक्ट अमेरिका में संचालित किसी भी कंपनी या इनवेस्टर को घूस देने पर प्रतिबंध लगाता है। मतलब अगर आपका अमेरिका में कोई इनवेस्ट है तो आप दुनिया में कहीं भी रिश्वत नहीं दे सकते हैं। अमेरिका के कोर्ट में अडानी के अधिकारियों के द्वारा घूस देने का सबूत दिया गया है। जिसमें इलेक्ट्रॉनिक मैसेजेज शामिल हैं। जिसमें ये बातें की जा रही है कि कैसे भारतीय अधिकारियों को पैसे लेने के लिए मोटिवेट किया जाए।
2. सिक्योरिटी और धोखाधड़ी की साजिश
गौतम अडानी, सागर अडानी और विनीत जैन के खिलाफ आरोप लगे हैं कि इन्होंने 3 अरब डॉलर का बॉन्ड इश्यू करके इन्वेस्टर को गुमराह करने की साजिश रची है। आरोप है कि इन बॉन्ड्स के बारे में बताये नहीं गए थे। ये पैसा कैसे इस्तेमाल होगा इसके बारे में इन्वेस्टर्स को बताया नहीं गया था।
3. फर्जी वादे पर इन्वेस्टर्स से पैसे लेना
गौतम अडानी पर तीसरा बड़ा आरोप लगा है कि उन्होंने फर्जी वादे करके लोन और इन्वेस्टर्स से पैसे उठाये हैं। अभियोजन पक्ष का कहना है कि ये सारी चीजें पहले से डिजाइन थी कि स्टेकहोल्डर्स को बताया मत जाए कि इसमें रिस्क क्या है। पैसे कहां पर लगेंगे।
4. अमेरिकी सरकार से झूठ बोलने का आरोप
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया है कि जब ये धोखाधड़ी बाहर आई और आरोपी पक्ष से पूछताछ की गई। तो इन्होंने जांच एजेंसियों से झूठ बोला और सबूत नष्ट करने की कोशिश की।