नई दिल्ली। भारत ने बुधवार रात आतंक के खिलाफ एक साहसिक और निर्णायक कदम उठाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) के भीतर 9 आतंकी ठिकानों को सटीक निशाना बनाकर तबाह कर दिया। ये वही जगहें थीं जहाँ से भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की योजना बनाई जा रही थी।
Operation Sindoor isn’t just a military response — it’s a cry from every soul scarred by terror.
India doesn’t seek war.
India seeks peace, justice, and a world where children sleep safely.
This is not revenge. This is a duty to humanity. 🇮🇳#OperationSindoor… pic.twitter.com/rMHbWTFZik
— British Indians Voice 🇮🇳🇬🇧 (@BritIndianVoice) May 6, 2025
सेना से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, इस कार्रवाई में सिर्फ आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया गया, पाकिस्तानी सेना की किसी भी लोकेशन को नहीं छुआ गया। यह पूरी कार्रवाई भरोसेमंद खुफिया सूचनाओं के आधार पर की गई थी, और इससे आतंकी ढांचे को गहरा नुकसान पहुंचा है।
पाकिस्तान ने किया सीजफायर का उल्लंघन, भारत का संयमित जवाब
इस ऑपरेशन के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के पूंछ-राजौरी सेक्टर में भिंबर गली इलाके में तोपों से फायरिंग कर संघर्षविराम का उल्लंघन किया। भारतीय सेना ने इस उकसावे का संयमित और सटीक जवाब दिया।
Pakistan again violates the Ceasefire Agreement by firing Artillery in Bhimber Gali in Poonch- Rajauri area.#IndianArmy is responding appropriately in a calibrated manner. pic.twitter.com/mbOXnQ5mMd
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) May 6, 2025
भारतीय सेना के आधिकारिक बयान में कहा गया,
“पाकिस्तान ने एक बार फिर सीजफायर एग्रीमेंट का उल्लंघन किया है और भिंबर गली में तोपों से फायरिंग की है। भारतीय सेना ने पूरी जिम्मेदारी के साथ, नियंत्रित तरीके से जवाब दिया है”
पहलगाम हमला: जब धर्म के नाम पर मारी गई गोलियां
इस सैन्य कार्रवाई की पृष्ठभूमि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुई उस क्रूर आतंकी घटना से जुड़ी है, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। पर्यटकों से भरी बैसरन घाटी में दोपहर के वक्त अचानक गोलियों की आवाज गूंजने लगी और वहां अफरा-तफरी मच गई।
घटना की चश्मदीद असावरी जगदाले ने बताया कि आतंकी पुलिस की वर्दी में आए थे और उनके टेंट में घुसकर उनके पिता से धार्मिक आयत पढ़ने को कहा। जब वह ऐसा नहीं कर पाए, तो उन्हें तीन गोलियां मारी गईं। उनके चाचा को भी बेहद करीब से गोली मारी गई, जबकि परिवार की महिलाओं को छोड़ दिया गया। इससे स्पष्ट था कि हमला विचारधारा से प्रेरित और योजनाबद्ध था।
इस हमले में कुल 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए, जिनमें कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।
Operation Sindoor से पहले भारत ने किया वीजा रद्द
भारत ने सिर्फ सैन्य ही नहीं, राजनयिक मोर्चे पर भी सख्त कदम उठाए। 23 अप्रैल को विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने ऐलान किया कि पाकिस्तान के नागरिकों को दी गई 14 श्रेणियों की वीजा सुविधाएं तत्काल प्रभाव से रद्द की जाती हैं।
SAARC देशों के नागरिकों को 26 अप्रैल तक भारत छोड़ने का आदेश दिया गया, जबकि अन्य कैटेगरी के पाकिस्तानी नागरिकों को 27 से 29 अप्रैल तक का समय दिया गया। यह कदम इस बात का साफ संदेश है कि भारत अब हर स्तर पर आतंक को समर्थन देने वालों के खिलाफ है।
7 मई : Operation Sindoor बदले का नहीं, बदलाव का प्रतीक
7 मई का दिन अब सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई की तारीख नहीं है। यह भारत के उस बदले हुए रवैये की मिसाल है, जिसमें आतंक का जवाब नारे या कड़ी निंदा से नहीं, बल्कि ठोस एक्शन से दिया जा रहा है।
‘Operation Sindoor’ आने वाले समय में एक ऐसे निर्णायक मोड़ के रूप में याद किया जाएगा, जब भारत ने अपने लोगों की सुरक्षा के लिए सीमाओं से परे जाकर ठोस संदेश दिया—कि अगर आतंक की भाषा नहीं बदलेगी, तो भारत की कार्रवाई जरूर बदलेगी।