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सुहागिन हैं, लेकिन संतान नहीं हो रहा तो कल का दिन है आपके लिए खास! मां स्कंदमाता की पूजा करने पर मिलेगा पुण्य लाभ

Skandmata Puja

Skandmata Puja: कल 6 अगस्त 2025 का दिन महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है. इस दिन मां स्कंदमाता की पूजा होती है. मान्यता है कि जो महिला मां स्कंदमाता की श्रद्धा से पूजा करती है. उसे संतान सुख, मानसिक शांति और तेज बुद्धि का वरदान मिलता है. मां स्कंदमाता केवल शक्ति ही नहीं बल्कि एक मां के रूप में भी सबसे करुणामयी देवी मानी जाती हैं.

मां स्कंदमाता की अपरमपार है लीला

पुराणों में मां स्कंदमाता को भगवान कार्तिकेय की मां कहा गया है. इनका दूसरा नाम स्कंद है. यानी वो पुत्र जिसे भगवान शिव और माता पार्वती ने धरती पर राक्षसों के विनाश के लिए पैदा किया था. मां का वाहन सिंह को माना जाता है. माता की गोद में बाल स्कंद विराजमान रहते हैं. मान्यताओं के अनुसार मां का यह अवतार उनके पालक रूप को दिखाता है. यानी वो मां जो अपने संतान की तरह अपने भक्तों की भी रक्षा करती है.

पूजा का शुभ मुहूर्त (6 अगस्त 2025)

घर पर पूजा की विधि

मां स्कंदमाता से जुड़ी लोककथा

उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में मान्यता है कि मां स्कंदमाता की पूजा करने से निःसंतान महिलाओं को संतान का सुख मिलता है. प्रत्येक नवरात्रि में यहां महिलाएं विशेष ‘संतान पाती पूजा’ करती हैं. इस पूजा में मां को केले और हल्दी अर्पित किए जाते हैं.

उत्तराखंड में मौजूद मां स्कंदमाता का मंदिर

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मां की विशेष पूजा से मिलता है ये लाभ

6 अगस्त को अगर आप पूरे विश्वास और श्रद्धा से मां स्कंदमाता की पूजा करती हैं. तो न केवल भक्ति का लाभ मिलेगा बल्कि संतान, सुरक्षा और बुद्धि का भी वरदान प्राप्त होगा.

– गांव शहर

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