Nag Panchami : सावन का महीना चल रहा है. आज नाग पंचमी का दिन है. यह दिन नाग देवता की पूजा का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है. इस बार नाग पंचमी 29 जुलाई बुधवार को पड़ रही है. उत्तर भारत से लेकर महाराष्ट्र और दक्षिण भारत तक इस दिन घर-घर में नागों की पूजा की जाएगी.
लोग दूध, लड्डू और फूल चढ़ाकर नाग देवता को प्रसन्न करने की कोशिश करेंगे. मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और सांप से किसी तरह का डर या खतरा नहीं होता.
नाग पंचमी का महत्व क्या है
हिंदू धर्म में सांपों को देवता माना जाता है. खासकर भगवान शिव की गर्दन में जो नाग रहते हैं, उन्हें वासुकी नाग कहा जाता है. नाग पंचमी के दिन लोग इन्हीं नागों की पूजा करते हैं.मान्यता है कि नाग देवता को दूध, फूल और चावल चढ़ाने से इंसान को कभी सांप का भय नहीं सताता. अगर किसी की कुंडली में काल सर्प दोष है तो वो भी शांत हो जाता है.
इस दिन की पौराणिक कथा क्या है?
नाग पंचमी से जुड़ी महाभारत काल की एक बहुत पुरानी कथा है. राजा परीक्षित को तक्षक नाम के नाग ने डस लिया था. इससे दुखी होकर उनके बेटे जनमेजय ने सर्प यज्ञ करवाया. जिसमें सारे नाग जलने लगे.
तभी आस्तिक नाम के एक ऋषि आए और उन्होंने यज्ञ को रुकवा दिया. कहते हैं उसी दिन से नागों की पूजा की परंपरा शुरू हुई और आज भी हर साल सावन महीने की पंचमी को नाग देवता की पूजा की जाती है.
कैसे होती है नाग पंचमी की पूजा?
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके व्रत रखने की परंपरा है. महिलाएं घर के बाहर या दीवार पर मिट्टी से नाग देवता की आकृति बनाती हैं. फिर उन्हें दूध, लड्डू, अक्षत (चावल), दूर्वा और फूल चढ़ाती हैं. कुछ लोग घर के पास के नाग मंदिर में जाते हैं और वहां शिवलिंग पर दूध चढ़ाते हैं. क्योंकि शिव के साथ नाग का सीधा संबंध माना जाता है.
बिहार, यूपी, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कई गांवों में सपेरे जीवित नाग लेकर आते हैं और लोग उनसे पूजा करवाते हैं. बच्चों को नाग देवता की कहानियां सुनाई जाती हैं और पूरे दिन सात्विक भोजन किया जाता है.
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क्या मान्यता है नाग पंचमी को लेकर?
कहा जाता है कि इस दिन अगर कोई सांप को दूध चढ़ाता है, तो सांप कभी उसे नुकसान नहीं पहुंचाता. इस दिन धरती को खोदना मना होता है, ताकि गलती से किसी नाग का बिल न टूट जाए. वहीं शादीशुदा महिलाएं इस दिन नाग देवता से अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं. कुछ लोग इसे सर्प दोष निवारण का सबसे शुभ दिन भी मानते हैं और खास पूजा करवाते हैं.
कहां होती है बड़ी पूजा?
नाग पंचमी पर कई जगहों पर विशेष मेले और भंडारे भी लगते हैं. उत्तर प्रदेश के काशी और भदोही में नाग मंदिरों में हजारों लोग जुटते हैं. इसके अलावा महाराष्ट्र के संगमनेर और पुणे में पुराने नाग देवता के मंदिरों में बड़ी पूजा होती है. दक्षिण भारत के कर्नाटक में श्रीकंतेश्वर मंदिर और अहिच्छत्रा (बरेली) का नाग पंचमी मेला भी प्रसिद्ध है.
नाग पंचमी सिर्फ एक पूजा नहीं, ये आस्था और विश्वास का पर्व है. लोग मानते हैं कि जो नाग देवता की सच्चे मन से पूजा करता है. उसके घर में कभी कोई विपत्ति नहीं आती. इस दिन दूध, फूल, भक्ति और शुद्ध मन से की गई पूजा से भगवान शिव भी प्रसन्न होते हैं.
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