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Thailand Earthquake: ढही इमारतें, सड़कों पर मलबे…भूकंप के बाद ऐसा दिखा थाइलैंड का नजारा

Thailand Earthquake

Thailand Earthquake

Thailand Earthquake:  शुक्रवार को म्यांमार में सुबह करीब 11.50 बजे भूकंप (Thailand Earthquake) के तेज झटके महसूस किये गए। रिएक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.7 थी। भूकंप (Earthquake) कितना शक्तिशाली था इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि म्यांमार के अलावा थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक और वियतनाम में भी इसका असर देखने को मिला। थाइलैंड और म्यांमार में भी धरती कांपती नजर आई।

7.7 थी Thailand Earthquake की तीव्रता

यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने बताया है कि म्यांमार में आए भूकंप (Thailand Earthquake) की रिएक्टर स्केल पर तीव्रता 7.7 थी। जिसका केंद्र म्यांमार के मांडले शहर से करीब 17.2 किलोमीटर दूर 10 किलोमीटर की गहराई में था। गौरतलब है कि मांडले शहर म्यांमार का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। जिसकी आबादी करीब 15 लाख है। जानकारी के मुताबिक भूकंप के पहले झटके के बाद 12.2 बजे एक और खतरनाक झटका आया था। जिसकी तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 6.4 थी। इसका केंद्र सागाईंग से 10 किलोमीटर दक्षिण में था।

 


 

Thailand Earthquake के वीडियो हो रहे वायरल

भूकंप के बाद म्यांमार (Thailand Earthquake) में सोशल मीडिया पर ढही हुई इमारतों और मलबों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं। बैंकॉक में भूकंप के बाद लोग सड़कों पर निकल आए। वहीं एक वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि रिहायशी घरों में मौजूद स्वीमिंग पूल से पानी बाहर निकल रहा है। वहीं बैंकॉक से वायरल हो रहे कई वीडियो में भूकंप के चलते इमारतें हिलती हुई नजर आ रही हैं।

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मांडले में ढही इमारतें

वहीं बैद्ध भूमि का केंद्र रही म्यांमार की प्राचीन राजधानी मांडले से भी कई वीडियो सामने आ रहे हैं। जिसमें सड़कों पर मलबा और ढही हुई पुरानी इमारतें दिखाई दे रही हैं। वहीं बैंकॉक के चतुचाक जिले में भी एक इमारत ढहने की खबर आ रही है।

चीनी अधिकारियों ने सुनामी की दी थी चेतावनी

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार चीनी अधिकारियों ने सुनामी आने की संभावना की चेतावनी दी थी। रिपोर्ट के अनुसार बैंकॉक के बीटीएस स्काईट्रेन ने अपनी सेवाएं बंद कर दी है। वहीं स्टॉक एक्सचेंज ने भी फिलहाल के लिए कारोबार को रोक दिया है।

भूकंप (Earthquake) क्यों आते हैं?

भूकंप (Earthquake) आमतौर पर तब आते हैं जब धरती के अंदर मौजूद चट्टान अचानक टूट जाती है। भूमिगत चट्टानों के टूटने से अचानक से उत्पन्न हुई ऊर्जा से भूकंपीय तरंगें पैदा होती हैं। जिससे जमीन हिलने लगती है। दरअसल धरती के अंदर मौजूद चट्टानें टेक्टोनिक फोर्स की वजह से समय के साथ धीरे-धीरे कमजोर हो जाती हैं।

जब ये चट्टानें अचानक से टूट जाती हैं। तो उससे उत्पन्न हुए झटके से भूकंपीय तरंग पैदा हो जाती है। जिसके चलते आस पास की अन्य चट्टानें या टेक्टोनिक प्लेट्स भी हिलना शुरू कर देती हैं। जिसकी वजह से एक विशाल भूकंपीय तरंग पैदा हो जाती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है। जिसे भूकंप कहा जाता है। जिस जगह से ये तरंगें पैदा होती हैं। उसे ही भूकंप का सेंटर कहा जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार ये चट्टानें तबतक हिलती हैं जबतक ये फिर से एक दूसरे के साथ चिपक ना जाएं।

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