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UPPCS RO ARO ONE SHIFT PROTEST: प्रयागराज में क्यों चली पुलिस की लाठी, क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं छात्र?

Prayagraj UPPSC: सोमवार को प्रयागराज में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) और रिव्यू और असिस्टेंट रिव्यू अफसर (RO/ARO) की परीक्षा को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी। छात्र PCS और RO/ARO की परीक्षा एक ही शिफ्ट में कराने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे। लाठीचार्ज के दौरान मची भगदड़ में कई छात्र चोटिल हो गए। जानकारी के मुताबिक लगभग 10 हजार छात्र आज प्रदर्शन करने प्रयागराज के UPPSC ऑफिस पहुंचे थे। छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने UPPSC ऑफिस के 500 मीटर पहले बैरिकेटिंग लगा दिया था।

छात्रों का कहना है कि जब सरकार महाकुंभ में 1 दिन में करोड़ों श्रद्धालुओं के रहने, सुरक्षा और वापस भेजने की व्यवस्था कर सकती है तो, प्रदेश में 75 जिले हैं। क्या सरकार 10 लाख छात्रों की एक दिन में परीक्षा नहीं करवा सकती।

छात्र क्यों कर रहे प्रदर्शन?

दरअसल उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग UPPSC ने PCS की प्री परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को रखी है और RO/ARO की परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को रखी है। दोनों परीक्षाएं दो दिनों में होंगी, इसलिए इन परीक्षाओं में आयोग ने नॉर्मलाइजेशन स्कोर की प्रक्रिया लागू की है। जिसका छात्र विरोध कर रहे हैं। छात्रों की मांग है कि इस नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया खत्म की जाए और परीक्षा एक दिन में ही कराई जाए।

किस बात से डर रहे हैं छात्र

छात्रों का सबसे बड़ा डर नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया है। छात्रों का कहना है कि PCS की प्री परीक्षा में 5 लाख 76 हजार 154 और RO/ARO की परीक्षा में 10 लाख 76 हजार परीक्षार्थियों ने फॉर्म भरा है। दोनों परीक्षाएं दो दिनों में कराई जा रही हैं। इसका रिजल्ट नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के तहत जारी किया जाएगा। अब ये कौन तय करेगा कि किस दिन की परीक्षा कठिन थी। वहीं इस प्रक्रिया विवादित है। जिसे कोई भी कोर्ट में जाकर रोक सकता है। यह सरकार यहीं चाहती है।

क्या है नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया?

जो परीक्षाएं एक से ज्यादा दिनों में खत्म होती हैं। उनमें नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया अपनाई जाती है। जो परीक्षाएं एक से ज्यादा दिनों तक चलती हैं उनमें अलग-अलग प्रश्न पत्र सेट किये जाते हैं। इन प्रश्न पत्रों की डिफिकल्टी लेवल अलग-अलग होते हैं। सरल प्रश्न पत्र वाले छात्रों को फायदा ना मिले इसको लेकर ये नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया अपनाई जाती है।  जिसका छात्र विरोध कर रहे हैं।

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