Islamic Culture and Medicine: क्या आपने सुना है कि कहीं लोग दवा के नाम पर पेशाब पीते हैं? वो भी ऊंट का. सुनकर अजीब लगेगा, लेकिन सऊदी अरब, यमन और कई मुस्लिम देशों में लोग ऊंट का मूत्र पीते हैं. उनका मानना है कि इससे कैंसर, स्किन डिजीज और हेपेटाइटिस जैसी बीमारियां ठीक हो जाती हैं.
दरअसल, इस परंपरा का जिक्र इस्लामिक धार्मिक किताब हदीस में भी आता है. कहा गया है कि बीमारों को ऊंट का दूध और पेशाब पीना चाहिए. और बस फिर क्या, सदियों से लोग इसे इलाज समझकर गटागट पीते आ रहे हैं.
अब WHO ने दी चेतावनी
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO के एक्सपर्ट्स ने अब इस पर साफ-साफ चेतावनी दी है. कहा है कि ऊंट का पेशाब न तो कोई दवा है और न ही कोई चमत्कारी इलाज, बल्कि यह शरीर में खतरनाक बीमारियां भरने का जरिया बन सकता है.
विशेषज्ञों ने बताया कि ऊंट के मूत्र में कई तरह के वायरस, बैक्टीरिया और टॉक्सिक केमिकल्स होते हैं जो इंसानों के लिए बेहद खतरनाक हैं.
MERS और ब्रुसेलोसिस फैलने का कारण
WHO ने 2015 में जब MERS (Middle East Respiratory Syndrome) फैला था, तब भी ऊंट के मूत्र को उसकी एक बड़ी वजह बताया था.
2023 की एक स्टडी में दो कैंसर मरीजों में यह देखा गया कि ऊंट का पेशाब पीने से उन्हें ब्रुसेलोसिस नाम की गंभीर बीमारी हो गई. ये बीमारी हड्डियों, लिवर और हड्डियों तक को नुकसान पहुंचा सकती है.
ये भी पढ़ें- राजस्थान के गांव में स्कूल की छत गिरी 7 बच्चों की मौत, लेकिन ये सिर्फ हादसा नहीं था
ऊंट का पेशाब मतलब बीमारी को निमंत्रण
WHO का कहना है कि ऊंट का मूत्र कोई दवा नहीं बीमारी की बोतल है. इससे शरीर में MERS-CoV जैसे वायरस भी घुस सकते हैं, जो सांस की बीमारी और जानलेवा इन्फेक्शन फैला सकते हैं.
– गांव शहर