Vicky Singh Kaimur Success Story

विक्की सिंह की कहानी: मुंबई की सड़कों से बिहार की मिट्टी तक का सफर

झगड़ालू लड़का बना करोड़पति बिजनेसमैन: मुंबई से स्कॉर्पियो लेकर लौटा विक्की, अब गांव में चला रहा डेयरी और मछली पालन का कारोबार

Vicky Singh Kaimur Success Story: बिहार के कैमूर जिले का रहने वाला विक्की सिंह कभी एक झगड़ालू, लापरवाह और फेल हो चुका लड़का था। पढ़ाई में मन नहीं लगता था, 10वीं की परीक्षा में फेल हो गया। गुस्से में आकर उसके पिता ने उसे पीट दिया और घर से निकाल दिया। विक्की खाली जेब, टूटी उम्मीद और न कोई सपना लेकर घर से निकला और मुंबई की ओर चल पड़ा।

लेकिन आज वही विक्की सिंह विरार (मुंबई) का नामी टमाटर व्यापारी रह चुका है। स्कॉर्पियो गाड़ी से चलता है, मुंबई में 3 करोड़ का फ्लैट है, और उसका बेटा बनारस के एक प्रतिष्ठित स्कूल में पढ़ाई कर रहा है। इतना ही नहीं, अब वो वापस अपने गांव लौट चुका है और गांव में डेयरी और मछली पालन से हर महीने 2–3 लाख रुपये का टर्नओवर कर रहा है।

लोहार से टमाटर तक

मुंबई पहुंचकर विक्की ने शुरुआत में लोहार के यहां मजदूरी की। सुबह-शाम मेहनत, लेकिन पेट भरने लायक ही आमदनी होती थी। कुछ दिनों बाद उसने सब्जी मंडी में काम करना शुरू किया। वहीं से उसे आइडिया आया कि खुद की एक छोटी रेहड़ी लगाई जाए।

पहले दिन टमाटर बेचे, नुकसान हुआ। फिर समझदारी से धीरे-धीरे व्यापार बढ़ाया। उसकी मेहनत रंग लाई। कुछ सालों में उसने पूरे विरार में टमाटर की होलसेल सप्लाई शुरू कर दी। विक्की अब एक बिजनेसमैन बन चुका था।

“स्कॉर्पियो ली… फिर गांव की याद आई”

व्यवसाय से पैसा आया तो विक्की ने सबसे पहले स्कॉर्पियो गाड़ी खरीदी। फिर विरार में एक शानदार 3 करोड़ का फ्लैट लिया। लेकिन सफलता की इस ऊंचाई पर पहुंचकर भी उसे अपनी जड़ें नहीं भूलीं। वह कहता है, “मुंबई में सब कुछ था, लेकिन दिल गांव में ही रह गया था।”

बिहार वापसी: अब डेयरी और मछली पालन में बसा है सपना

अब विक्की सिंह कैमूर लौट आया है। उसने गांव में जमीन खरीदी और वहां पर 30 गायों के साथ एक डेयरी फार्म शुरू किया। साथ ही पास की जमीन में मछली पालन का भी कार्य कर रहा है।

हर महीने उसका कुल टर्नओवर 2–3 लाख रुपये है। गांव के कई लोगों को उसने रोजगार भी दिया है।

विक्की की सोच: “जो हाथ मुंबई में चला, वो गांव में भी चलता है”

विक्की मानता है कि अगर आदमी ठान ले, तो किसी भी हालात से लड़ सकता है। वो कहता है, “गरीबी कोई अभिशाप नहीं है। मुझे घर से निकाल दिया गया था, लेकिन उसी ने मेरी हड्डियों में मेहनत भर दी।”

वो अब युवाओं को यही सिखाना चाहता है कि शहर में सिर्फ नौकर नहीं बना जा सकता, बिज़नेस भी किया जा सकता है — और वो बिजनेस फिर गांव की रौनक भी बना सकता है।

विक्की सिंह की कहानी लाखों युवाओं को प्रेरणा

विक्की सिंह की कहानी उन लाखों युवाओं को प्रेरणा देती है जो जिंदगी में कभी फेल हो चुके हैं, या जिनके पास कोई दिशा नहीं है। ये एक आम लड़के की असाधारण कहानी है — जो मुंबई के संघर्ष से निकलकर आज गांव की शान बन गया है।

क्या आप भी ऐसी किसी कहानी को जानते हैं? तो गांव शहर को भेजिए — हम आपकी आवाज़ को देश तक पहुंचाएंगे।

One thought on “विक्की सिंह की कहानी: मुंबई की सड़कों से बिहार की मिट्टी तक का सफर

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