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Skandmata Puja

सुहागिन हैं, लेकिन संतान नहीं हो रहा तो कल का दिन है आपके लिए खास! मां स्कंदमाता की पूजा करने पर मिलेगा पुण्य लाभ

Posted on August 5, 2025 by govind singh

Skandmata Puja: कल 6 अगस्त 2025 का दिन महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है. इस दिन मां स्कंदमाता की पूजा होती है. मान्यता है कि जो महिला मां स्कंदमाता की श्रद्धा से पूजा करती है. उसे संतान सुख, मानसिक शांति और तेज बुद्धि का वरदान मिलता है. मां स्कंदमाता केवल शक्ति ही नहीं बल्कि एक मां के रूप में भी सबसे करुणामयी देवी मानी जाती हैं.

मां स्कंदमाता की अपरमपार है लीला

पुराणों में मां स्कंदमाता को भगवान कार्तिकेय की मां कहा गया है. इनका दूसरा नाम स्कंद है. यानी वो पुत्र जिसे भगवान शिव और माता पार्वती ने धरती पर राक्षसों के विनाश के लिए पैदा किया था. मां का वाहन सिंह को माना जाता है. माता की गोद में बाल स्कंद विराजमान रहते हैं. मान्यताओं के अनुसार मां का यह अवतार उनके पालक रूप को दिखाता है. यानी वो मां जो अपने संतान की तरह अपने भक्तों की भी रक्षा करती है.

पूजा का शुभ मुहूर्त (6 अगस्त 2025)

  • पंचमी तिथि प्रारंभ: सुबह 09:26 बजे
  • पंचमी तिथि समाप्त: अगले दिन सुबह 07:11 बजे
  • पूजा का श्रेष्ठ समय: सुबह 10:30 से दोपहर 01:00 बजे के बीच
  • इस दौरान पीले वस्त्र पहनकर पूजा करें, मां को पीली चीजें अर्पित करें.

घर पर पूजा की विधि

  • सबसे पहले घर की सफाई कर मां स्कंदमाता की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें.
  • मां को पीले फूल, केले और घी से बने प्रसाद चढ़ाएं.
  • एक दीपक जलाकर ‘ॐ देवी स्कंदमातायै नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें.
  • अंत में आरती करें और परिवार सहित मां से संतान, ज्ञान और सुरक्षा का आशीर्वाद मांगें.

मां स्कंदमाता से जुड़ी लोककथा

उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में मान्यता है कि मां स्कंदमाता की पूजा करने से निःसंतान महिलाओं को संतान का सुख मिलता है. प्रत्येक नवरात्रि में यहां महिलाएं विशेष ‘संतान पाती पूजा’ करती हैं. इस पूजा में मां को केले और हल्दी अर्पित किए जाते हैं.

Skandmata temple
उत्तराखंड में मौजूद मां स्कंदमाता का मंदिर

ये भी पढ़ें- त्रिपुंड क्या है और इसे कैसे लगाएं? हिंदू धर्म में भगवान शिव को समर्पित है ‘त्रिपुंड’

मां की विशेष पूजा से मिलता है ये लाभ

  • मां स्कंदमाता की पूजा से सूर्य मंडल शुद्ध होता है. इसलिए जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर होता है, उन्हें मां स्कंदमाता की पूजा का विशेष लाभ मिलता है.
  • बालकों की शिक्षा में बाधा हो या किसी की बुरी नजर से सुरक्षा के लिए भी इस दिन मां की पूजा अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती है.
  • नवरात्रि के नौ रूपों में से स्कंदमाता वो देवी हैं जो अपने साथ बाल स्कंद को भी लिए रहती हैं.

6 अगस्त को अगर आप पूरे विश्वास और श्रद्धा से मां स्कंदमाता की पूजा करती हैं. तो न केवल भक्ति का लाभ मिलेगा बल्कि संतान, सुरक्षा और बुद्धि का भी वरदान प्राप्त होगा.

– गांव शहर

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