White Dwarf Discovery: अंतरिक्ष जितना रहस्यमय है, उतना ही खूबसूरत भी. NASA की जेम्स वेब टेलीस्कोप ने आसमान में एक ऐसा नज़ारा कैद किया है जिसे देखकर लगता है जैसे दो सितारों के बीच कोई पुराना रिश्ता टूटा हो और उसकी यादें अब धूल और धुंध के रूप में बिखर गई हों.
ये तस्वीर किसी फिल्म का सीन नहीं, बल्कि एक असली खगोलीय घटना है .जहां एक बूढ़ा तारा अपने आखिरी दिन बिता रहा है और उसने अपने अंदर की गैस और धूल को अंतरिक्ष में बिखेर दिया है. ये सिलसिला पिछले 4,000 सालों से चल रहा है और आगे भी जारी रहेगा.
तस्वीर में एक नहीं बल्कि दो सितारे
तस्वीर के केंद्र में जो एक चमकीला तारा नजर आ रहा है, असल में वो दो तारे हैं. दोनों एक-दूसरे के बेहद करीब हैं और 9 साल में एक-दूसरे के चारों तरफ लंबा चक्कर लगाते हैं. ये जोड़ी इतनी पास है कि एक ही तारा नजर आती है. उनके चारों ओर धूल की एक खूबसूरत सी धनुष जैसी पट्टी बनी हुई है, जो इस नज़ारे को और भी खास बना देती है.
इन दोनों में से एक तारा पहले बहुत बड़ा था. वो हमारे सूरज से भी कई गुना भारी था, लेकिन अब वो बूढ़ा हो चुका है. अपनी बाहरी परतें निकाल कर उसने सिर्फ अपना गर्म, ठोस कोर छोड़ दिया है जिसे खगोलविद ‘व्हाइट ड्वार्फ’ कहते हैं. इसकी हवाओं ने आसपास फैली गैस और धूल को सलीके से फैला दिया, जिससे ये खूबसूरत आकृतियाँ बनीं.
रिंग्स और रंगों का जादू
इस नज़ारे की सबसे दिलचस्प बात है इसकी दो बड़ी-बड़ी रिंग्स, जो हल्के तिरछे कोण पर फैली हुई हैं. ये रिंग्स नारंगी और नीले रंगों की हैं और इनमें कुछ-कुछ जगहों पर छेद भी हैं. जैसे तेज हवाओं ने वहां से रास्ता बना लिया हो. पूरी तस्वीर में धूल और गैस की पतली परतें हैं और पृष्ठभूमि में अनगिनत छोटे-छोटे तारे और आकाशगंगाएं झिलमिला रही हैं.
मर रहा है ये तारा
इस पूरी तस्वीर को सिर्फ इन्फ्रारेड लाइट के ज़रिए देखा जा सकता है. सरल भाषा में कहें तो हम आम आंखों से नहीं देख सकते. इसी वजह से NASA की वेब टेलीस्कोप जैसे उपकरण हमें वो दिखा रहे हैं जो पहले कभी मुमकिन नहीं था. इस नज़ारे को देखकर साफ है कि ब्रह्मांड में सिर्फ साइंस नहीं, इमोशन्स भी हैं. दो सितारों की ये साझेदारी, उनका बिछड़ना और आखिरी लम्हों में जो जादू रचा गया, वो अब हम सभी की आंखों के सामने है.
– गांव शहर