Mahila Shakti Yojana UP: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव ‘धनौरा’ की गलियों में आजकल एक अलग ही रौनक है. इसका कारण हैं इस गाँव की महिलाएँ, जिन्होंने ‘महिला शक्ति योजना’ का पूरा लाभ उठाते हुए अपने परिवार और समाज को आगे बढ़ाया है.
सुमन देवी: बदलाव की मिसाल
34 वर्ष की सुमन देवी, बरसों पहले तक खेती में पति का हाथ बँटाती थीं और घर की आम जरूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर रहती थीं. लेकिन जब उन्हें गाँव के स्कूल में सरकार की ‘महिला शक्ति योजना’ के बारे में पता चला, तो पूरी जिंदगी बदल गई.
“पहले हमें घर से बाहर जाकर कमाना बहादुरी लगती थी, अब गाँव की औरतें खुद अपने पैरों पर खड़ी हैं,” सुमन देवी हँसते हुए कहती हैं.
सुमन देवी ने इस योजना के तहत सिलाई मशीन और तीन महीने की ‘कौशल प्रशिक्षण’ सुविधा पाई. देखते-देखते, दो और महिलाओं के साथ मिलकर उन्होंने गाँव में कपड़ों की छोटी-दुकान शुरू की. आज, उनकी दुकान में रोज कम से कम 10-12 ऑर्डर आते हैं और महीने में करीब ₹8,000-10,000 की आमदनी हो जाती है.
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गाँव में सशक्तिकरण की लहर
सिर्फ सुमन ही क्यों, गाँव की 18 और महिलाएँ इस योजना से अलग-अलग स्वरोजगार कर रही हैं. कोई मुर्गी पालन शुरू कर चुकी है, तो कोई मसाले बेचने लगी है. इससे गाँव की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई, लड़कियों की पढ़ाई नहीं छूटी और घर में सम्मान भी बढ़ा.
जरूरी जानकारी: योजना का लाभ कैसे लें?
- 18–60 वर्ष की कोई भी महिला स्थानीय ग्राम पंचायत के माध्यम से आवेदन कर सकती है.
- योजना में बुनियादी ट्रेनिंग, कम ब्याज पर लोन और मार्केटिंग में मदद मिलती है.
- ज्यादा जानकारी पंचायत भवन या जिले की सरकारी वेबसाइट पर मिलेगी.
-गांव शहर