Manmohan Singh's Historic Welfare Reforms

former Prime Minister Manmohan Singh Historic reforms मनमोहन सिंह के वो ऐतिहासिक निर्णय जिन्होंने बदल दी देश की तस्वीर

नई दिल्ली/गांव शहर। former Prime Minister Manmohan Singh Historic reforms पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर पूरे देश में शोक की लहर है। उनके योगदान को याद करते हुए, देश के विभिन्न हिस्सों में नेता और आम नागरिक अपने-अपने तरीके से उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। डॉ. सिंह ने एक कुशल अर्थशास्त्री के रूप में देश की आर्थिक नीतियों को नई दिशा दी। हम कुछ उनके उन बेहतरीन निर्णयों के बारे में बता रहे हैं। जिसने देश की दशा और दिशा को बदल दिया।

 

शिक्षा का अधिकार कानून 2009

manmohan singh RTI
शिक्षा का अधिकार

शिक्षा का अधिकार कानून मनमोहन सिंह सरकार की ऐतिहासिक पहल था। इसने भारत के हर 6 से 14 साल की उम्र तक के बच्चे को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार दिया।। यह कानून सामाजिक न्याय की दिशा में मील का पत्थर साबित हुआ। जिसमें गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ने पर जोर दिया गया। मनमोहन सिंह के नेतृत्व में UPA सरकार ने शिक्षा और समावेशी विकास को लोगों तक पहुंचाने का कार्य किया। इस कानून के तहत निजी स्कूलों में 25% सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षित की गईं। जिससे शिक्षा में वंचित वर्गों की भागीदारी बढ़ी। मनमोहन सिंह ने उस समय इस कदम को भारतीय समाज में क्रांतिकारी बदलाव बताया था। मनमोहन सिंह का यह कदम उनके दूरदर्शी नेतृत्व और सामाजिक कल्याण के प्रति समर्पण को दर्शाता है।

 

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) 2005

manmohan singh MGNREGA
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना

मनमोहन सिंह सरकार के द्वारा शुरू किया गया मनरेगा भारत के ग्रामीण विकास और सामाजिक सुरक्षा को लेकर एक ऐतिहासिक कदम था। इस अधिनियम ने देश के हर ग्रामीण परिवार को साल में 100 दिन रोजगार की गारंटी प्रदान किया। जिससे गरीब और वंचित वर्ग के लोगों को अपने घर पर ही रोजगार मिल पाया। यह योजना न केवल गरीबी कम करने में सहायक बनी, बल्कि भारत के विशाल ग्रामीण आधारभूत ढांचे के निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। मनमोहन सिंह और उनकी सरकार ने इस कानून के माध्यम से सामाजिक समावेश और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की।

 

भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन अधिनियम (2013)

Land Acquisition, Rehabilitation, and Resettlement Act 2013
भूमि अधिग्रहण कानून 2013

मनमोहन सिंह सरकार की ओर से 2013 में भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन अधिनियम लागू किया गया। यह अधिनियम किसानों और ग्रामीण समुदायों के हितों की रक्षा करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल थी। बता दें कि, मनमोहन सरकार के द्वारा इस कानून को लाने का मकसद 1894 के ब्रिटिश भूमि अधिग्रहण कानून को हटाना था। ब्रिटिश राज के द्वारा बनाया गया कानून किसानों के अधिकारों का हनन करता था। इस अधिनियम ने सरकार के द्वारा अधिग्रहित की जाने वाली जमीनों में पारदर्शिता सुनिश्चित की और प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा के साथ-साथ पुनर्वास और पुनर्स्थापना का अधिकार दिया। मनमोहन सिंह के द्वारा बनाये गए इस कानून ने यह सुनिश्चित किया कि विकास के नाम पर गरीबों और किसानों का शोषण ना हो।

सूचना का अधिकार अधिनियम (2005)

Right to Information Act (RTI) 2005
सूचना का अधिकार

सूचना का अधिकार अधिनियम मनमोहन सरकार के द्वारा लाए गए सबसे महत्वपूर्ण अधिनियम में से एक था। इसने ना सिर्फ भारतीय लोकतंत्र को और सशक्त बनाया बल्कि लोकतंत्र में आम लोगों का भरोसा और प्रगाढ़ किया। यह कानून देश के नागरिकों को सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने का अधिकार देने के साथ साथ उनकी लोकतंत्र में आस्था को और बढ़ाया। RTI के जरिये आम जनता को सरकार की नीतियों और योजनाओं से संबंधित जानकारी प्राप्त करने का अधिकार देकर मनमोहन सरकार ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में अहम भूमिका निभाई। इससे सरकार और नागरिकों के बीच विश्वास बढ़ा।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (2013)

manmohan singh
खाद्य सुरक्षा अधिनियम

मनमोहन सिंह सरकार के द्वारा लागू किया गया राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) को भारत के गरीब और वंचित लोगों के लिए एक कालजयी कदम माना जाता है। इस कानून के जरिये सरकार ने देश के 67% लोगों को भोजन उपलब्ध कराया। इस कानून के जरिये गरीबों और वंचितों को सस्ते दरों पर अनाज देने का अधिकार प्रदान किया। NFSA के जरिये सरकार सरकार गरीब परिवारों को राशन की दुकानों से अनाज, चावल, गेहूं और दालें सस्ते दरों पर उपलब्ध कराई। जिससे करोड़ों लोग गरीबी रेखा से बाहर निकल पाये।

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