Ahmedabad Plane Crash: टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भर चुका एयर इंडिया का विमान अचानक नियंत्रण से बाहर हो गया और एक सुनसान इलाके में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दर्दनाक हादसे में 260 लोगों की जान चली गई। शुरुआती जांच रिपोर्ट सामने आ गई है, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
विमान था Boeing 787 Dreamliner
यह विमान एयर इंडिया के बेड़े में शामिल Boeing 787 Dreamliner था। यह वही मॉडल है जिसकी तकनीकी खामियों को लेकर दुनिया भर में कई बार सवाल उठ चुके हैं। इससे पहले बैटरी फटने की घटनाएं, ऑटोमेशन फेलियर और इंजन संबंधित समस्याएं सामने आ चुकी हैं। इस हादसे के बाद फिर से इस विमान की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
क्या होता है फ्यूल कंट्रोल स्विच?
फ्यूल कंट्रोल स्विच या फ्यूल कट ऑफ स्विच वह सिस्टम होता है, जो विमान के इंजन तक ईंधन की सप्लाई को नियंत्रित करता है। जब यह स्विच ‘RUN’ पोजिशन में होता है तो इंजन तक ईंधन पहुंचता रहता है। लेकिन जब यह ‘CUTOFF’ पर चला जाए, तो ईंधन की सप्लाई बंद हो जाती है और इंजन बंद हो जाता है। यह स्विच आमतौर पर इमरजेंसी या इंजन स्टार्टिंग के दौरान इस्तेमाल होता है और इसे गलती से बंद करना लगभग नामुमकिन माना जाता है।
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हादसे के वक्त क्या हुआ?
जांच एजेंसी AAIB की रिपोर्ट के मुताबिक, टेकऑफ के सिर्फ तीन सेकंड के अंदर दोनों इंजनों के फ्यूल कंट्रोल स्विच अचानक RUN से CUTOFF पर चले गए। इससे दोनों इंजन बंद हो गए और विमान तेजी से नीचे गिरने लगा। कॉकपिट रिकॉर्डिंग में एक पायलट दूसरे से पूछता है – “तुमने स्विच बंद किया क्या?” जवाब आता है – “नहीं”। यह साबित करता है कि यह गलती जानबूझकर नहीं की गई थी।
क्या पहले भी हुए हैं ऐसे मामले?
Boeing 787 Dreamliner को लेकर पहले भी कई देशों में सुरक्षा चिंता जताई जा चुकी है।
- 2013 में इसकी बैटरियों में आग लगने के कारण कई देशों में इसकी उड़ानें रोक दी गई थीं।
- LATAM एयरलाइंस की फ्लाइट में भी हाल ही में फ्यूल कंट्रोल सिस्टम में गड़बड़ी सामने आई थी।
- FAA ने 2018 में चेतावनी दी थी कि कुछ Dreamliner विमानों में फ्यूल कट ऑफ स्विच गलती से मूव हो सकते हैं, लेकिन Air India ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
पायलट की प्रोफाइल
कैप्टन सुमीत सबरवाल (उम्र 56) के पास 15,600 घंटे की उड़ान का अनुभव था, जिनमें से 8,600 घंटे उन्होंने Boeing 787 उड़ाया था। वे एयर इंडिया के वरिष्ठ पायलट माने जाते थे।
फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर (उम्र 32) के पास 3,400 घंटे का उड़ान अनुभव था, जिसमें से 1,100 घंटे Boeing 787 Dreamliner पर ही था। वे 2017 से एयर इंडिया से जुड़े थे।
सरकार और परिवारों की प्रतिक्रिया
- परिजनों ने कहा कि रिपोर्ट से उनकी परेशानियाँ और बढ़ गई हैं। “हमें सिर्फ जवाब चाहिए, झूठ नहीं,” एक ब्रिटिश यात्री की भतीजी ने कहा।
- UK परिवारों ने भारतीय और ब्रिटिश सरकारों की सहायता को ‘धीमा और बेतरतीब’ बताया।
- एविएशन मंत्री के. राममोहन नायडू ने कहा कि सरकार हर एंगल से जांच करवा रही है।
- विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि पीड़ितों के परिवारों को हरसंभव मदद दी जाएगी।
- प्रधानमंत्री मोदी ने हादसे को “दिल तोड़ देने वाला” बताया और राज्य सरकारों को राहत कार्य तेज़ करने के निर्देश दिए।
- एयर इंडिया ने कहा कि वे जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं और हर परिवार को उचित मुआवजा मिलेगा।
अब क्या हो रहा है?
- ब्लैक बॉक्स की विस्तृत जांच जारी है।
- फ्यूल कंट्रोल स्विच डिज़ाइन की समीक्षा की जाएगी।
- FAA की पुरानी चेतावनियों को नज़रअंदाज़ करने की जवाबदेही तय होगी।
- एयर इंडिया के सभी Boeing 787 विमानों का फिर से निरीक्षण किया जाएगा।
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